झांसी: बच्चों की आंखों के इलाज के लिए आज, कल लगेगा शिविर

मुख्य बातें
आरबीएसके
- 26-27 अक्टूबर को मेडिकल कॉलेज में आयोजित होगा जांच व उपचार शिविर
- जनपद के 19 वर्ष तक के बच्चे किए जाएंगे चिन्हित
झाँसी : जन्म से ही मोतियाबिंद की समस्या से जूझ रहे बच्चों का उपचार राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) के अंतर्गत किया जा रहा है।
उनके चिन्हिकरण और उपचार के लिए आगामी 26 और 27 अक्टूबर यानि मंगलवार और बुधवार को मेडिकल कॉलेज झाँसी में मण्डल स्तरीय शिविर का आयोजन किया जा रहा है।
एनएचएम/सिफ़प्सा के मण्डलीय परियोजना प्रबन्धक आनंद चौबे ने बताया कि मंडलायुक्त डॉ॰ अजय शंकर पाण्डे के निर्देशानुसार यह शिविर आयोजित किया जा रहा है।
उन्होने बताया कि कान्जेनाइटल कैटेरेक्ट (मोतियाबिंद) एक आम समस्या है जो प्रति 1000 पर एक जन्म में होती है।
पीड़ित लाभार्थी मेडिकल कॉलेज में आकर ओपीडी का पर्चा बनवाकर सीधे ओपीडी कमरा नंबर 137 में आ सकता है।
मदद के लिए इन मोबाइल नंबर 9140059554, 6394699329 पर संपर्क किया जा सकता है।
शिविर के समापन दिवस में मंडलायुक्त लाभार्थियों से भेंट करेंगे। मंडलायुक्त ने अपील भी की है कि इस समस्या से ग्रसित ज्यादा से ज्यादा बच्चों को शिविर में पहुँचाया जाए। इस तरह से शिविर भविष्य में भी होंगे।
मेडिकल कॉलेज के नेत्र विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ॰ जितेंद्र कुमार ने बताया कि बच्चों में मोतियाबिंद दो तरीके से हो होता है, एक गर्भावस्था के दौरान किसी भी प्रकार का संक्रमण होने से बच्चे में कई प्रकार के विकार की संभावना बढ़ जाती है, उसमें एक मोतियाबिन्द भी है।
वहीं दूसरी ओर सिर या आँख में किसी प्रकार की चोट लगने से भी मोतियाबिंद हो सकता है। ऐसी स्थिति में जितना जल्दी हो सके जांच कराकर उपचार करा लेना चाहिए, नहीं तो बच्चे की आँखों की रोशनी कम/खत्म या आँख में तिरछापन आने की संभावना बढ़ जाती है।
क्या है आरबीएसके
राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के डीआईईसी मैनेजर डॉ॰ रामबाबू बताते है कि आरबीएसके शून्य से 19 साल तक के बच्चो के इलाज के लिए काम करता है।
4 डी यानी चार तरह के विकार (डिफेक्ट) सहित कुल 40 बीमारियो के लिए परामर्श के साथ इलाज सरकारी खर्च पर कराया जाता है।
इसमें ह्र्दय रोग, बहरापन, मोतियाबिंद, कटे होठ-तालू, मुडे पैर, एनीमिया, दांत टेडे मेढे होना, बिहैवियर डिसआर्डर, लर्निंग डिसआर्डर, डाउन सिंड्रोम, हाइड्रो सिफलिस, न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट आदि बीमारियां प्रमुख हैं।
आरबीएसके इन बीमारियो से चिन्हित बच्चो का निःशुल्क इलाज, आपरेशन प्राथमिक, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और जिला अस्पताल, मेडिकल कॉलेज व उच्चतम इलाज़ के लिए लखनऊ, कानपुर और अलीगढ़ में कराता है।