कोविड और पल्मोनरी टीबी में है कई समानता

मुख्य बातें
- टीबी के सभी मरीजों की कोविड और कोविड के सभी मरीजों की हो रही टीबी की जांच
- समय पर सही जांच और इलाज़ से ही पा सकते है इजात
झाँसी : पल्मोनरी टीबी या फेफड़े की टीबी और कोविड के लक्षणों में समानता के चलते सभी टीबी मरीजों की कोविड की जांच और कोविड के मरीजों की टीबी की जांच की जा रही है।
यह जानकारी मेडिकल कॉलेज के टीबी एवं चेस्ट विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ॰ मधुर्मय ने दी। उन्होने बताया कि ऐसे तो टीबी कई प्रकार की होती है लेकिन सबसे ज्यादा पायी जाने वाली टीबी पल्मोनरी टीबी ही होती है। इसका संबंध फेफड़ों में समस्या से होता है इसीतरह कोविड का प्राइमरी अंग भी फेफड़ा ही होता है।
पल्मोनरी टीबी और कोविड में समानता के चलते ही इन दोनों के मरीजों की दोनों तरह की जांच के निर्देश सरकार द्वारा दिये गए है।
समान लक्षण
कोविड और फेफड़ों की टीबी के लक्षण समान होते है जैसे कि खांसी, बुखार सांस का फूलना आदि।
दोनों का संबंध प्रतिरोधक क्षमता से
दोनों ही बीमारियों का संबंध मनुष्य के इम्यून सिस्टम यानि रोग प्रतिरोधक क्षमता से होता है। यदि मनुष्य के शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता अच्छी है तो उसमें कोविड और टीबी संक्रमण की संभावना कम होती है।
एक साथ दोनों का चल सकता है इलाज़
यदि कोई टीबी के साथ कोविड से भी संक्रमित है या कोई कोविड उपचाराधीन टीबी से ग्रसित पाया जाता है तो दोनों का इलाज़ एक साथ चल सकता है।
दोनों के बचाव के लिए मास्क जरूरी
डॉ॰ मधुर्मय का कहना है कि जब से कोविड आया है तब से टीबी के मरीजों में भी कुछ कमी देखी गयी है। इसका कारण है कि कोविड के समय लोगों का घर से बाहर निकालना कम हुआ और ज़्यादातर लोगों ने मास्क का प्रयोग किया। जिससे टीबी के प्रसार में भी कमी आई।
प्रसार में भी है लगभग समानता
दोनों ही बीमारियों का प्रसार श्वसन के रास्ते होता है, इसीलिए खाँसना और छीकने से ये दोनों बीमारी तेजी से फैलती है।
जनपद का आंकड़ा
वर्तमान में जनपद में 3242 फेफड़ो की टीबी के मरीज़ इलाज़ ले रहे है। वही 18 जनवरी तक जनपद में कोविड के एक्टिव मरीजों की संख्या 94 है।