राष्ट्रीय पोषण माह: सुपोषित रहने के लिए योग व आयुष का महत्व अहम

मुख्य बातें
हरहुआ विकास खंड में आयोजित हुआ पोषण व स्वास्थ्य जागरूकता शिविर
पोषण व स्वास्थ्य की आयुर्वेदिक विधियों से कराया अवगत
वाराणसी : राष्ट्रीय पोषण माह के द्वितीय सप्ताह की गतिविधि के अंतर्गत जनपद में बुधवार को विकास खण्ड हरहुआ के बेलवारिया में योग एवं आयुर्वेद विद्या द्वारा पोषण विषयक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया जिसमें लगभग 150 लाभार्थियों ने भाग लिया।
शिविर का शुभारंभ हरहुआ खण्ड विकास अधिकारी धर्मेंद्र प्रसाद द्विवेदी द्वारा किया गया। शिविर का आयोजन आईसीडीएस विभाग एवं राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय के संयुक्त तत्वाधन में किया गया।
वरिष्ठ आयुष चिकित्सा अधिकारी डॉ उमाशंकर ओझा ने बताया कि शिविर का आयोजन जिला अधिकारी कौशल राज शर्मा, क्षेत्रीय आयुर्वेद एवं यूनानी अधिकारी डॉ भावना द्विवेदी एवं जिला होमियोपैथी अधिकारी डॉ रचना श्रीवास्तव के निर्देशन में किया गया।
डॉ उमाशंकर ओझा ने बच्चों एवं गर्भवती के बेहतर पोषण व स्वास्थ्य की आयुर्वेदिक विधियों के बारे विस्तार पूर्वक बताया।
उन्होने बताया कि स्वास्थ्य माध्यम से पोषण माह के कार्यक्रम के माध्यम से कुपोषण के लिये योगा एवं आयुष का महत्व योग उद्देश्य के माध्यम से बताया गया।
उन्होने बताया कि कोरोना के इस दौर में समान रोगियों को स्वास्थ्य एवं निरोग बनाना और विशेष योग अभ्यास करवाना प्रमुख उद्देश्य है।
शिविर में डॉ सुनीता, डॉ प्रीति गुप्ता, योग प्रशिक्षक शलिनी मिश्रा, मधु सिंह द्वारा योग कराया गया, जिसमें बीपी, शुगर, कमर दर्द, कोरोना जैसे रोगों से लड़ने के लिए योग करवाया गया।
इसमें प्रमुख योग आसान ताड़ासन, वृक्षासन, हस्तपादासन, अर्धचंद्रासन, पर्वतासन, मंडूकासन, अर्धउष्ट्रआसान, शसांकासन, कपालभाति प्राणायाम, अनुलोम-वविलोम, भ्रामरी , ॐ चैंटिंग करवाया गया।
इसके साथ ही बाल विकास परियोजना अधिकारी इंदु यादव द्वारा आँगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका व लाभर्थियों को पोषण के लिए योग एवं आयुर्वेद विधियों से अवगत कराया गय। इस योग अभ्यास से जनमानस को भी लाभ मिला।
शिविर में फार्मासिस्ट रवीन्द्र प्रसाद शुक्ल, राम रतन सिंह, रामजी, अजय कुमार रघुवंशी, रवीन्द्र पाण्डेय द्वारा महत्वपूर्ण योगदान दिया गया।